गुड सेमेरिटन कानून पर बारीकी से नज़र, जब भी संभव हो दयालु बनें, यह हमेशा मुमकिन है– दलाई लामा
नई दिल्ली. जब लोग बिना किसी स्वार्थ के ज़रूरतमंदों की मदद करते हैं, तो इसी भाव को परोपकार कहा जाता है. एक अच्छा व्यक्ति वही होता है जो किसी भी आपातकालीन स्थिति में अपने किसी भी निजी स्वार्थ से हटकर दूसरों की मदद करता है. हम सभी ने अपने जीवन में कभी न कभी ऐसे व्यक्ति देखे होंगे, जिन्होंने बिना किसी लाभ के लोगों की सहायता की. भारत में सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़े चौंकाने वाले हैं, यहां साल 2022 में 4.61 लाख सड़क दुर्घटनाएं हुई जिनमें 1.68 लाख लोगों ने अपनी जान गवां दी. भारत के विधि आयोग के मुताबिक, अगर समय पर प्राथमिक चिकित्सा दी जाती तो इनमें से 50 फ़ीसदी लोगों की जान बचाई जा सकती थी.